PIL Against Raj Thackeray in SC: सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की गई। याचिका में ठाकरे पर गैर-मराठी बोलने वालों, खासकर हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा भड़काने और भड़काऊ बयान देने का आरोप है।
वकील घनश्याम उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली में एक रैली में ठाकरे ने मराठी न बोलने वालों को “कान के नीचे मारने” की बात कही थी। याचिका में यह भी आरोप है कि ठाकरे ने उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे हिंदी भाषी राज्यों का मज़ाक उड़ाया और कहा कि अगर हिंदी ने वहां की आर्थिक समस्याएं हल नहीं कीं, तो महाराष्ट्र में इसे थोपने से क्या फायदा।
याचिका में दावा किया गया कि मनसे कार्यकर्ताओं ने ठाकरे के इशारे पर हिंदी भाषी लोगों पर हमले किए और उनकी दुकानों व कारोबार को नुकसान पहुंचाया। हाल ही में ठाणे में एक मिठाई की दुकान के मालिक को मराठी न बोलने की वजह से पीटा गया। मुंबई के वर्ली में शेयर मार्केट निवेशक सुशील केडिया के ऑफिस की कांच की दरवाज़े को भी मनसे कार्यकर्ताओं ने तोड़ दिया, क्योंकि उन्होंने मराठी बोलने से इनकार किया था।
उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा कि ठाकरे का मराठी प्रेम सिर्फ “मौसमी” है और इसका मकसद आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव में राजनीतिक फायदा लेना है। याचिका में यह भी मांग की गई कि मनसे की मान्यता रद्द की जाए और पुलिस को ऐसी हिंसक घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया जाए। यह मामला अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
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