सिलिकॉन वैली, जो सपनों और तकनीकी चमत्कारों की दुनिया है, वहां 35 वर्षीय माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रतीक पांडे की असामयिक मृत्यु ने सबको हिलाकर रख दिया। 19 अगस्त की रात को प्रतीक ने अपने ऑफिस में प्रवेश किया, और अगली सुबह उन्हें मृत पाया गया। इस दुखद घटना ने न केवल उनके परिवार और दोस्तों, बल्कि पूरी तकनीकी दुनिया को गहरे सदमे में डाल दिया। आइए, इस हृदयविदारक कहानी को करीब से जानें, जो एक प्रतिभाशाली इंसान की जिंदगी और उसके अधूरे सपनों की त्रासदी बयां करती है।
एक मेहनती और जिंदादिल इंसान
प्रतीक पांडे, जिन्हें उनके परिवार और दोस्त “हंसी का खजाना” और “जिंदगी से भरा इंसान” कहते थे, एक ऐसे शख्स थे जिनकी मुस्कान हर किसी का दिल जीत लेती थी। फुटबॉल के शौकीन प्रतीक न केवल एक बेहतरीन इंजीनियर थे, बल्कि एक प्यार करने वाले बेटे और दोस्त भी थे। उनके परिवार के एक सदस्य, जिन्होंने गोपनीयता की शर्त पर माइक्रोसॉफ्ट से बात की, ने बताया कि प्रतीक अक्सर देर रात तक ऑफिस में काम करते थे। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें माइक्रोसॉफ्ट के फैब्रिक प्रोडक्ट पर काम करने वाली टीम में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया था, जो डेटा विश्लेषण में स्नोफ्लेक जैसी कंपनियों से मुकाबला करता है।
एक करियर, जो प्रेरणा देता था
प्रतीक ने 2020 में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया था और क्लाउड व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रमुख स्कॉट गुथरी के नेतृत्व में काम कर रहे थे। इससे पहले, उन्होंने वॉलमार्ट और ऐपल जैसी दिग्गज कंपनियों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। सैन जोस स्टेट यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र प्रतीक की कहानी मेहनत और महत्वाकांक्षा की मिसाल थी। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल उनकी उपलब्धियों और सपनों का एक जीवंत दस्तावेज थी, जो अब उनकी अनुपस्थिति में और भी मार्मिक लगती है।
रहस्यमयी मृत्यु और अनुत्तरित सवाल
20 अगस्त की सुबह करीब 2 बजे माउंटेन व्यू पुलिस को माइक्रोसॉफ्ट के कैंपस में बुलाया गया। वहां प्रतीक का निष्प्राण शरीर मिला। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि घटनास्थल पर कोई संदिग्ध गतिविधि या आपराधिक व्यवहार के निशान नहीं मिले। सांता क्लारा काउंटी के मेडिकल एग्जामिनर के अनुसार, मृत्यु का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। माइक्रोसॉफ्ट इस मामले की जांच कर रहा है, लेकिन कंपनी ने कोई आधिकारिक बयान देने से इनकार कर दिया। इस अनिश्चितता ने प्रतीक के परिवार और दोस्तों के दुख को और गहरा कर दिया।
भारत लौटने की अंतिम यात्रा
प्रतीक की मृत्यु की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर उनके दोस्तों और सहकर्मियों ने उनकी यादों को साझा किया। लोग उनके हंसमुख स्वभाव, उनकी मेहनत और उनके जुनून की कहानियां बता रहे हैं। प्रतीक का परिवार, जो भारत में रहता है, अब उनके पार्थिव शरीर को वापस लाने की कोशिश में जुटा है। गुरुवार को बे एरिया में उनके लिए एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहां लोग उन्हें याद कर भावुक हो उठे।
एक जिंदगी, जो प्रेरणा देती रहेगी
प्रतीक पांडे की कहानी केवल एक दुखद अंत की कहानी नहीं है। यह एक ऐसे इंसान की कहानी है, जिसने अपने सपनों को हकीकत बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की। यह हमें याद दिलाती है कि जिंदगी कितनी अनमोल और अनिश्चित है। प्रतीक की मुस्कान, उनका जुनून और उनकी मेहनत उन सभी लोगों के दिलों में जिंदा रहेगी, जिन्हें कभी उनके साथ वक्त बिताने का मौका मिला। उनकी असामयिक विदाई ने सिलिकॉन वैली के चमकते आसमान में एक सितारा कम कर दिया, लेकिन उनकी यादें हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।
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