बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी (CHS) के पंजीकरण के लिए 51% फ्लैट या दुकान खरीदारों की संयुक्त आवेदन अनिवार्यता को बरकरार रखा है। यह शर्त 2016 के रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के परिपत्र (Circular) में निर्धारित की गई थी। कोर्ट ने इस परिपत्र की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा कि रजिस्ट्रार को यह अधिकार है कि वह को-ऑपरेटिव सोसाइटी के पंजीकरण के लिए 51% खरीदारों की अनिवार्यता तय करे।
यह फैसला बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस संदीप मारने ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। याचिका बॉइसर स्थित हार्मोनी प्लाजा प्रीमिसेज को-ऑपरेटिव सोसाइटी के प्रमोटर प्रकाश सावे ने दायर की थी। सोसाइटी का पंजीकरण 8 नवंबर 2023 को डिविजनल जॉइंट रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज ने रद्द कर दिया था। इसके बाद सावे ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
51% नियम का उल्लंघन
मामला तब शुरू हुआ जब डेवलपर जैनम बिल्डर्स ने आरोप लगाया कि सोसाइटी के पंजीकरण के दौरान 51% नियम का पालन नहीं किया गया था। डेवलपर के मुताबिक, कुल 174 स्वीकृत टेनेमेंट्स में से केवल 83 टेनेमेंट्स के मालिकों ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, जो कुल का केवल 47.7% था। इस आधार पर सोसाइटी का पंजीकरण रद्द कर दिया गया।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव सोसाइटीज (MCS) एक्ट की धारा 6 के तहत CHS के पंजीकरण के लिए केवल 10 लोगों की आवश्यकता होती है। इसलिए, रजिस्ट्रार को मार्च 2016 के परिपत्र के माध्यम से सांविधिक आवश्यकता को बदलने का अधिकार नहीं है।
हालांकि, डेवलपर ने जवाब में कहा कि MCS एक्ट की धारा 6 ही रजिस्ट्रार को सोसाइटी के गठन और पंजीकरण के लिए अधिक लोगों की आवश्यकता तय करने का अधिकार देती है। इसी के तहत रजिस्ट्रार ने नवंबर 2010 और मार्च 2016 में परिपत्र जारी कर क्रमशः 60% और 51% खरीदारों की अनिवार्यता तय की थी।
कोर्ट ने डेवलपर के तर्क को माना
कोर्ट ने डेवलपर के तर्क को स्वीकार करते हुए कहा कि रजिस्ट्रार के पास को-ऑपरेटिव सोसाइटी के पंजीकरण के लिए अधिक लोगों की आवश्यकता तय करने का अधिकार है। जस्टिस मारने ने कहा, “नतीजतन, 29 नवंबर 2010 और 23 मार्च 2016 को रजिस्ट्रार द्वारा जारी किए गए परिपत्र MCS एक्ट की धारा 6(1) के तहत लागू हैं, और इन परिपत्रों में निर्धारित प्रतिशत का उल्लंघन करके कोई सोसाइटी पंजीकृत नहीं की जा सकती।”
हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मार्च 2016 का परिपत्र यह कहता है कि “निर्माणाधीन या पहले से बने कुल फ्लैट/टेनेमेंट्स के 51% मालिक” सोसाइटी के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। चूंकि हार्मोनी प्लाजा प्रीमिसेज में 174 टेनेमेंट्स स्वीकृत हैं और सभी का निर्माण पूरा हो चुका है, इसलिए अब 89 यूनिट खरीदार (51%) सोसाइटी के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले ने को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी (Co-Operative Housing Society) के पंजीकरण से जुड़े नियमों को स्पष्ट कर दिया है। यह फैसला न केवल खरीदारों और डेवलपर्स के बीच चल रहे विवादों को सुलझाने में मददगार साबित होगा, बल्कि भविष्य में सोसाइटी पंजीकरण की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाएगा। इसके साथ ही, यह फैसला यह भी सुनिश्चित करता है कि सोसाइटी का गठन और पंजीकरण बहुमत की सहमति से हो, ताकि सभी हितधारकों के अधिकार सुरक्षित रहें।
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