कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कच्चातीवू मुद्दे को उठाकर गैरजिम्मेदाराना काम किया है। उनका कहना है कि इससे श्रीलंका के साथ भारत के रिश्तों में खटास आ सकती है।
कच्चातीवू विवाद: चुनावी प्रचार का हिस्सा
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कच्चातीवू द्वीप के मुद्दे को उठाया था, जिसका तमिलनाडु में चुनाव प्रचार के दौरान काफी हंगामा हुआ। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार ने यह द्वीप बेदर्दी से श्रीलंका को सौंप दिया था। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि पूर्व कांग्रेस प्रधानमंत्रियों ने भारतीय मछुआरों के अधिकारों की अनदेखी की थी।
जयराम रमेश का बयान
जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह गैरजिम्मेदाराना और इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने जैसा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इससे श्रीलंका के साथ हमारे संबंध बिगड़ सकते हैं। रमेश ने सवाल उठाया कि क्या मोदी और उनके सहयोगी इस मुद्दे पर माफी मांगेंगे।
श्रीलंका के राष्ट्रपति की मौजूदगी
रमेश ने यह भी कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। उन्होंने पीएम मोदी के बयान को पड़ोसी देश के साथ रिश्तों में दहशत फैलाने वाला बताया।
तमिलनाडु का जवाब
तमिलनाडु के लोगों ने भी इस मुद्दे पर भाजपा को मुंहतोड़ जवाब दिया। रमेश ने कहा कि तमिलनाडु के लोगों ने भाजपा को साफ संदेश दिया है कि वे इस तरह की राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
भाजपा पर पलटवार
कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए 2015 के एक आरटीआई जवाब का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि 1974 और 1976 के समझौतों में भारत के क्षेत्र का अधिग्रहण या हस्तांतरण शामिल नहीं था। कांग्रेस ने पूछा कि क्या मोदी सरकार के रुख में बदलाव केवल चुनावी राजनीति के लिए था।
यह मुद्दा चुनाव प्रचार के दौरान गर्माता गया है और कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा कैसे आगे बढ़ता है और क्या भाजपा इस पर कोई प्रतिक्रिया देती है।