ड्रग्स इन कोरियर स्केम: जुहू के एक बिल्डर के साथ बड़ी धोखाधड़ी हुई है! 64 साल के इस रिटायर्ड शख्स (जिन्हें कुछ समय पहले लकवा का दौरा पड़ा था) को पूरे 2.5 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया गया. वो भी किसी और चीज़ से नहीं बल्कि, फर्जी ‘कोरियर में ड्रग्स’ वाले घोटाले से!
इस जालसाजी में कुछ शातिर लोगों ने CBI और साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें धमकाया. उन्होंने झूठा आरोप लगाया कि उनके नाम पर नशीले पदार्थ और जबरन वसूली का मामला दर्ज है.
ज़रा सोचिए, आपको ये फोन आए कि आपके नाम का एक पार्सल थाईलैंड जा रहा है, जिसमें ड्रग्स बरामद हुए हैं! सुनने में ही अजीब लगता है, है ना? वही बात उस बिल्डर के साथ भी हुई. मगर जालसाज़ इतने शातिर थे कि उन्होंने उन्हें यकीन दिला दिया कि कोई उनके पहचान का इस्तेमाल गलत कामों के लिए कर रहा है. फिर उन्हें स्काइप पर एक फर्जी साइबर पुलिस अधिकारी से बात करवाई (जिसमें बड़े ही चालाकी से मुंबई साइबर क्राइम की फर्जी लोगो भी लगाई गई थी!).
लंबी बात का फ़साना ये है कि, इन जालसाज़ों ने बिल्डर को उनके बैंक अकाउंट की जानकारी को “सत्यापन” करने के लिए करीब 2.5 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के लिए मना लिया (उफ्फ!). उन्होंने उन्हें एक फर्जी कन्फर्मेशन लेटर भी भेज दिया जिसमें लिखा था कि वो निर्दोष साबित हो गए हैं. मगर फिर उन्होंने उनसे 30 लाख रुपये और जमा करने की मांग की! तब जाकर उस बिल्डर को समझ आया कि उनके साथ धोखा हुआ है.
उन्होंने पूरी घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज करा दी है. अब पुलिस उस रकम को ट्रैक करने की कोशिश कर रही है. ये वाकया हमें सतर्क रहने की सीख देता है. अगर कभी भी कोई अनजान व्यक्ति आपको संदिग्ध पैकेज या बैंक संबंधी परेशानी के बारे में फोन करे तो सावधान हो जाएं. उनको कभी भी फोन पर पैसे ना भेजें जिनको आप जानते या भरोसा नहीं करते!
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