Mumbai: मानव तस्करी के संदेह में फ्रांस में चार दिनों तक रोके गए उनके चार्टर विमान के मंगलवार तड़के मुंबई में उतरने के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के अधिकारियों ने भारतीय यात्रियों से पूछताछ की.
मानव तस्करी के संदेह में फ्रांस में रोके गए 276 यात्रियों को लेकर विमान सुबह करीब 4 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा, इनमें सबसे ज्यादा भारतीय थे. यात्री निकारागुआ जा रहे थे, लेकिन ह्णयूमन ट्रेफिकिंग के संदेह के कारण उन्हें चार दिनों के लिए वैट्री हवाई अड्डे के अंदर रोक दिया गया.
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लीजेंड एयरलाइंस का A340 विमान गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात के फुजैराह हवाई अड्डे से मानागुआ, निकारागुआ के रास्ते में वैट्री में ईंधन भरने के लिए रुका था, और एक अज्ञात सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे रोक दिया कि इसमें मानव तस्करी के शिकार लोग सवार हो सकते हैं.

Indian passengers quizzed by CISF (Photo Credits: ANI )
एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि लीजेंड एयरलाइंस के वकील लिलियाना बकायोको ने कहा कि कुछ यात्री भारत नहीं जाना चाहते थे क्योंकि उन्होंने निकारागुआ की पर्यटन यात्रा के लिए भुगतान किया था. एयरलाइन ने संभावित मानव तस्करी में किसी भी भूमिका से इनकार किया है.
बता दें कि फ्रांस से आए यात्रियों को मुंबई एअरपोर्ट पर आव्रजन प्रक्रियाओं और सीमा शुल्क जांच से गुजरना पड़ा. उनके बयान दर्ज किए गए और लगभग पांच घंटे के बाद औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ही उन्हें हवाई अड्डे से बाहर निकलने की अनुमति दी गई. मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचने पर यात्री अपना चेहरा छिपाते हुए मीडिया से बातचीत करने से बचते नज़र आए.
फ्रांसीसी प्रशासन ने कहा कि मूल 303 यात्रियों में से 276 यात्री मुंबई जा रहे थे, और 25 अन्य ने फ्रांस में शरण का अनुरोध किया था.

Indian passengers quizzed by CISF (Photo Credits: ANI )
शरण चाहने वालों को पेरिस के चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे के एक विशेष क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया. फ्रांस में रोके गए यात्रियों में एक 21 महीने का बच्चा और कई अकेले नाबालिग शामिल थे.