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Mumbai Crime News: डॉक्टरों की भयंकर लापरवाही का शिकार बना मासूम, काटना पड़ा एक हाथ

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Mumbai Crime News: जिस डॉक्टर को हम भगवान का दर्जा देते हैं वही डॉक्टर कई बार शैतान भी बन जाता है. इसका जीता-जागता उदाहरण बना ठाणे का एक डॉक्टर, जिसकी लापरवाही के कारण एक 12 साल के बच्चे को अपना एक हाथ गंवाना पड़ गया. अब ऐसे डॉक्टर को आप क्या कहेंगे? आज के समय में ऐसे डॉक्टरों की वजह से लोग अपना इलाज करवाने से भी डरने लगे हैं.

मामला महाराष्ट्र के ठाणे जिला का है. यहां पर मनपा द्वारा कलवा अस्पताल का संचालन किया जाता है. इसी कलवा अस्पताल में अपने बेटे का इलाज करवाने आए थे राकेश शर्मा. दरअसल खेलते समय बच्चे के दाहिने हाथ में हल्की सी चोट लग गई थी, जिसकी वजह से उसे दर्द हो रहा था. तब परेशान पिता ने डॉक्टर से दिखाने का सोचा और ठाणे के कलवा अस्पताल में बेटे को इलाज के लिए ले आए. डॉक्टरों ने जब बच्चे के हाथ का एक्सरे निकाला तो पता चला कि उसके हाथ की हड्डी टूट गई है. इसके बाद आनन-फानन में डॉक्टर ने बिना कोई दवाई दिए ही बच्चे के हाथ में कच्चा प्लास्टर लगा दिया, जिसके बाद राकेश बेटे को लेकर अपने घर चला गया. लेकिन उसके दो दिन के बाद ही बच्चे का प्लास्टर किया हुआ वाला वो हाथ काला पड़ने लगा. तब परेशान होकर राकेश फिर अपने बेटे को लेकर उसी कलवा अस्पताल में गए. लेकिन जब डॉक्टरों ने बच्चे को देखा तो उसे वहां एडमिट ना करके सायन अस्पताल में रेफर कर दिया.

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अब कलवा अस्पताल के डॉक्टरों को लगा कि कहीं, उनकी गलती के बारे में लोगों को पता न चल जाए तो, रेफर करने के दौरान ही इलाज के सारे पेपर राकेश से उन्होंने ले लिए. राकेश ने कहा कि, उसे एक सादे पेपर पर लिखकर कलवा हॉस्पीटल के डॉक्टरों ने सायन अस्पताल भेज दिया.

गैंग्नीन के कारण काटना पड़ा हाथ (Mumbai Crime News)

पीड़ित बच्चे के पिता राकेश ने बताया कि बुधवार की दोपहर को वो अपने बेटे को लेकर सायन अस्पताल गए थे. यहां पर भी डॉक्टरों ने उनपर इतना ध्यान नहीं दिया और यहां से वहां दौड़ाते रहे. और काफी समय बीत जाने के बाद बच्चे को एडमिट किया और फिर उसकी सर्जरी की. सर्जरी के बाद आयुष को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. इसके बाद उसी रात को फिर से डॉक्टरों ने राकेश को बुलाया और कहा कि बच्चे को गैंगरीन हो गई है, जिसकी वजह से उसका हाथ काटना पड़ेगा, नहीं तो उसकी जान को खतरा हो सकता है. अब लाचार पिता करे तो क्या करे? बच्चे की हाथ से ज्यादा बच्चे की जान उसे प्यारी है. आखिरकार डॉक्टरों ने उसके दाहिने हाथ को काट दिया.

डॉक्टर कुछ बोलने को तैयार नहीं

आयुष के मामले को लेकर न तो सायन अस्पताल के डॉक्टर कुछ बोल रहे हैं और ना ही ठाणे के कलवा हॉस्पीटल के डॉक्टर कुछ बात करने को तैयार हैं. कलवा अस्पताल के डीन डॉ.राकेश बारोट को फोन करने पर वो फोन रिसीव भी नहीं कर रहे हैं. (Mumbai Crime News)

क्या होता है गैंग्रीन?

बता दें कि गैंग्रीन तब होता है जब आपके शरीर का कोई हिस्सा मर जाता है। दरअसल जब हमारे शरीर से उत्तकों को किसी वजह से पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं मिल पाता है तो उस स्थिती में गैंग्रीन होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा किसी जीवाणु संक्रमण के कारण भी गैंग्रीन हो सकता है.

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