मुंबई

Mumbra Train Tragedy: ठाणे GRP के कॉन्स्टेबल विक्की मुख्यदल की मुंब्रा ट्रेन हादसे में दुखद मौत, परिवार पर दुख का पहाड़

Mumbra Train Tragedy: ठाणे GRP के कॉन्स्टेबल विक्की मुख्यदल की मुंब्रा ट्रेन हादसे में दुखद मौत, परिवार पर दुख का पहाड़

मुंबई की लोकल ट्रेनें सिर्फ परिवहन का साधन नहीं, बल्कि शहर की जिंदगी की रफ्तार हैं। लेकिन कभी-कभी यही रफ्तार किसी की जिंदगी को हमेशा के लिए थाम लेती है। 9 जून 2025 की सुबह ठाणे के मुंब्रा स्टेशन के पास ऐसा ही हुआ, जब एक भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन में हुए हादसे ने कई जिंदगियां छीन लीं। इनमें से एक थे ठाणे GRP के कॉन्स्टेबल विक्की मुख्यदल, जो सिर्फ 34 साल के थे। मुंब्रा ट्रेन हादसा (Mumbra Train Tragedy) ने न सिर्फ एक परिवार का सहारा छीना, बल्कि एक मेहनती पुलिसकर्मी (Dedicated Policeman) को भी हमसे दूर कर दिया। विक्की की कहानी हर उस शख्स की कहानी है, जो अपने कर्तव्य और परिवार के बीच संतुलन बनाता है।

विक्की मुख्यदल कल्याण के रहने वाले थे। हर दिन की तरह उस सुबह भी वे अपनी ड्यूटी के लिए घर से निकले। वे ठाणे GRP में कॉन्स्टेबल थे और 2018 से रेलवे पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहे थे। पिछले एक साल से वे ठाणे यूनिट में तैनात थे। मूल रूप से बुलढाणा के रहने वाले विक्की ने मुंबई में अपने परिवार के लिए एक नया जीवन शुरू किया था। उनकी पत्नी गृहिणी हैं, और उनका तीन साल का बेटा उनके जीवन का केंद्र था। उनके बुजुर्ग माता-पिता बुलढाणा में रहते हैं। लेकिन उस सुबह, कसारा से CSMT जाने वाली तेज लोकल ट्रेन में भीड़ के बीच विक्की का बैग दूसरी ट्रेन से टकराया, और वे ट्रैक पर गिर गए। उनकी सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं, और अस्पताल में उनकी जान चली गई।

विक्की को उनके साथी एक मेहनती पुलिसकर्मी (Dedicated Policeman) के रूप में याद करते हैं। ठाणे GRP के ACP शिरसत ने बताया कि विक्की की जांच करने की क्षमता और कर्तव्य के प्रति समर्पण उन्हें खास बनाता था। वे हमेशा अपराध रोकने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते थे। उस दिन भी वे रात की ड्यूटी के बाद सुबह की पेट्रोलिंग के लिए CSMT-करjat ट्रेन में सवार थे। ठाणे GRP की सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर अर्चना दुसाने ने बताया कि विक्की को पीक आवर्स में नियमित पेट्रोलिंग का जिम्मा सौंपा गया था, ताकि ट्रेनों में अपराध रोके जा सकें। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था।

मुंब्रा ट्रेन हादसा (Mumbra Train Tragedy) की शुरुआती जांच में पता चला कि दो लोकल ट्रेनें—एक CSMT से करjat और दूसरी कसारा से CSMT—एक-दूसरे के बगल से गुजर रही थीं। दोनों ट्रेनों के दरवाजों पर लटके यात्रियों के बैग आपस में टकराए, जिससे कई लोग ट्रैक पर गिर गए। इस हादसे में चार अन्य लोगों की भी जान चली गई, और नौ लोग घायल हुए। विक्की को गंभीर हालत में कल्याण के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में ले जाया गया, जहां ICU में उनका इलाज चला। लेकिन उनकी चोटें इतनी गहरी थीं कि वे बच नहीं सके।

विक्की के दोस्त और मरोल पुलिस स्टेशन में तैनात कॉन्स्टेबल आकाश घडके ने बताया कि 5 जून को विक्की का जन्मदिन था। उन्होंने फोन पर विक्की को बधाई दी थी। दोनों ने ड्यूटी की शिफ्ट्स और बुलढाणा में एक जुलूस के दौरान मुलाकात की बातें की थीं। आकाश ने बताया कि वे ड्यूटी के लिए निकले ही थे कि कालवा स्टेशन पर उन्हें विक्की के हादसे की खबर मिली। वे तुरंत अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विक्की का परिवार इस खबर से टूट गया। GRP ने उनके शव को परिवार को सौंपने की व्यवस्था शुरू कर दी है और इस मुश्किल वक्त में परिवार की मदद का भरोसा दिया है।

विक्की की कहानी सिर्फ एक पुलिसकर्मी की नहीं है। यह उस बेटे, पिता और पति की कहानी है, जो अपने परिवार के लिए हर दिन मेहनत करता था। उनका तीन साल का बेटा अभी इतना छोटा है कि वह अपने पिता की कमी को शायद समझ भी न पाए। लेकिन उनके परिवार के सामने अब एक अनिश्चित भविष्य है। विक्की हर दिन यात्रियों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालते थे, लेकिन उस दिन वे खुद उस भीड़ का हिस्सा बन गए, जिसे बचाने की जिम्मेदारी उनकी थी।

यह हादसा मुंबई की लोकल ट्रेनों की भीड़ और सुरक्षा की कमी को फिर से उजागर करता है। हर दिन लाखों लोग इन ट्रेनों में सफर करते हैं, और ऐसे हादसे उनके लिए रोज का खतरा बन चुके हैं। विक्की जैसे लोग, जो दूसरों की सुरक्षा के लिए तैनात हैं, भी इस खतरे से अछूते नहीं रहते। उनकी कहानी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारी रेल व्यवस्था को और सुरक्षित नहीं किया जा सकता।

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