मुंबरा में एक ऐसा जघन्य अपराध सामने आया है जिसने सबको झकझोर कर रख दिया है। खुद को धर्म का उपदेशक (धर्मगुरु) बताने वाले एक शख्स और उसकी पत्नी ने अपनी ही मासूम बच्ची की जान ले ली और फिर चुपचाप लाश को दफना दिया। पुलिस को एक गुमनाम खत के ज़रिए इस खौफनाक सच्चाई का पता चला।
18 मार्च को 18 महीने की लबीबा को उसके माता-पिता, जाहिद शेख (38) और नूरानी (28) ने कथित तौर पर बेरहमी से मार डाला। इस क्रूर दंपत्ति ने अपने अपराध को छुपाने के लिए किसी को भी इसकी खबर नहीं होने दी। हफ्ते भर बाद, पुलिस को ‘संजय महादेव’ नाम से एक चिट्ठी मिली जिसमें बच्ची के ज़ख्मों की भयावह तस्वीरें और हत्या की पूरी कहानी लिखी थी।
इस खत से पुलिस की जांच शुरू हुई। पोस्टमार्टम में पता चला कि बच्ची के सिर पर गहरा घाव था और उसके शरीर पर कई चोटों के निशान थे। पुलिस ने अस्पतालों और कब्रिस्तानों की खाक छाननी शुरू की। एक कब्रिस्तान के रिकॉर्ड से पता चला कि 18 मार्च की रात को एक बच्ची को वहां दफनाया गया था। अस्पताल के डॉक्टरों ने भी बताया कि जब ये दंपत्ति बच्ची को लाए थे तो उन्हें भी शक हुआ था कि उस पर जानलेवा हमला किया गया है।
लबीबा को क्यों मारा गया यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। पूछताछ में जाहिद और नूरानी की कहानियां लगातार बदलती रहीं, जिसने पुलिस का शक और गहरा कर दिया। इस घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है। धर्म के नाम पर उपदेश देने वाला शख्स जब इतना बड़ा पाप कर सकता है, तो लोग अब किस पर भरोसा करें?
जाहिद मूल रूप से झारखंड का है और मुंबरा में एक मदरसे में बच्चों को पढ़ाता था। पुलिस की कड़ी पूछताछ के बाद इस दंपत्ति ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। अब ये दोनों सलाखों के पीछे हैं।
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