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Solution for Period Pain: पीरियड्स के दौरान होने वाले पेन से छुटकारा दिलाते हैं ये योगासन, नियमित करने से नहीं आएगी ये परेशानी

Solution for Period Pain: पीरियड्स के दौरान होने वाले पेन से छुटकारा दिलाते हैं ये योगासन, नियमित करने से नहीं आएगी ये परेशानी

पीरियड्स के दौरान दर्द, जिसे अक्सर पीरियड क्रैंप कहा जाता है, महिलाओं के लिए एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली समस्या है। हालाँकि, नियमित रूप से योग करने से यह दर्द काफी हद तक कम किया जा सकता है। पीरियड्स के दर्द का समाधान (Solution for Period Pain) के लिए योगासन एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है। आइए, जानते हैं कुछ खास योगासन जो इस दर्द को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।

क्यों होता है पीरियड्स के दौरान दर्द?

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। गर्भाशय की मांसपेशियां संकुचित होती हैं, जिससे निचले पेट में दर्द होता है। यह दर्द कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि इससे चिड़चिड़ापन और थकान भी हो सकती है। योग न केवल इन मांसपेशियों को आराम देता है, बल्कि शरीर और दिमाग को भी संतुलित करता है।

पीरियड्स के दर्द से राहत देने वाले योगासन

योग प्रशिक्षक अमितेश सिंह बताते हैं कि नियमित योग अभ्यास से योग से पीरियड्स राहत (Relief from Periods with Yoga) पाई जा सकती है। नीचे दिए गए योगासन खास तौर पर इस दर्द को कम करने में मदद करते हैं:

1. भद्रासन (बटरफ्लाई पोज़)

भद्रासन या बटरफ्लाई पोज़ में दोनों पैरों के तलवों को आपस में चिपकाकर तितली की तरह चलाना होता है। यह आसन निचले पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और रक्त प्रवाह को संतुलित करता है। यह पीरियड्स क्रैंप को कम करने के लिए बेहद प्रभावी है।

2. बालासन (चाइल्ड पोज़)

बालासन में आपको दोनों घुटनों के बल बैठना होता है और शरीर को आगे की ओर झुकाना होता है। इस आसन से शरीर को गहरी आराम की स्थिति में ले जाया जाता है, जिससे मांसपेशियों के तनाव में कमी आती है।

3. शशांकासन (हियर पोज़)

इस आसन में आपको अपने दोनों हाथ आसमान की ओर उठाने होते हैं और फिर शरीर को धीरे-धीरे जमीन की ओर झुकाना होता है। यह आसन पीठ और पेट की मांसपेशियों को राहत देता है।

4. मरकटासन (सुपाइन ट्विस्ट)

मरकटासन में पीठ के बल लेटकर दोनों हाथों को कंधे की सीध में फैलाना होता है। इसके बाद दोनों पैरों को एक ओर और सिर को दूसरी ओर ले जाना होता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियों को आराम देता है।

5. भुजंगासन (कोबरा पोज़)

भुजंगासन में पेट के बल लेटकर सांस लेते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाना होता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और तनाव को कम करता है।

कब करें और किन बातों का रखें ध्यान?

योग ट्रेनर बताते हैं कि इन आसनों को किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन खाने के तुरंत बाद इन्हें करने से बचना चाहिए। यदि कोई आसन करते समय दर्द बढ़ जाए, तो उसे तुरंत रोक देना चाहिए। जबरदस्ती आसनों को करने से मांसपेशियों पर और अधिक दबाव पड़ सकता है।

योगासन को नियमित रूप से करने से न केवल पीरियड्स के दर्द में राहत मिलती है, बल्कि यह शरीर को लचीला और स्वस्थ भी बनाता है।


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