ज़रा ध्यान दें! रेल मंत्रालय भारत के शहरों को जोड़ने के लिए एक नई ट्रेन – वंदे भारत मेट्रो – लाने की तैयारी कर रहा है। ये ट्रेनें तेज़ भी होंगी और इनमें कई सारे बदलाव भी किए गए हैं। जुलाई से इनका परीक्षण शुरू हो सकता है।
आपको बता दें कि वंदे भारत ट्रेनें हम पहले से ही देख रहे हैं। लेकिन ये मेट्रो वर्ज़न थोड़ा अलग होगा। इनमें बड़े-बड़े दरवाज़े होंगे, और कोच की संख्या भी शहरों के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकती है।
वंदे भारत मेट्रो की खासियत
ये ट्रेनें 100 से 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी, और छोटे-बड़े कुल 124 शहरों तक जाएंगी। कुछ मार्ग, जैसे लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा, और तिरुपति-चेन्नई भी इनके रास्ते में होंगे। इनमें कुछ कोच जनरल श्रेणी के भी होंगे, ताकि रोज़ आने-जाने वाले यात्री भी सफ़र कर सकें।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन शुरू करने का भी ऐलान किया था, लेकिन अभी तक वो शुरू नहीं हुई है। इसके अलावा, लंबी दूरी तक आराम से यात्रा करने के लिए, दो इंजनों वाली पुश-पुल वंदे भारत ट्रेन भी बाद में आएगी।
ये नया प्रयोग सफल होगा या नहीं, ये तो समय बताएगा। कुछ जानकारों का मानना है कि मौजूदा पटरियों पर, पहले से चल रही ट्रेनों के बीच में इन्हें चलाना मुश्किल हो सकता है। अब ऐसे में देखना होगा कि रेलवे किस तरह से इस चुनौती का सामना करता है।
जानकारी हो कि स्लीपर वाली वंदे भारत का निर्माण भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) ने किया है।
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