महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की महत्वाकांक्षी परियोजना समृद्धि महामार्ग ने एक और मील का पत्थर हासिल कर लिया है। इस राजमार्ग के अंतिम चरण का उद्घाटन सीएम और डिप्टी सीएम के हाथों किया गया। ये राजमार्ग विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र के 24 जिलों के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
मुंबई-नागपुर की दूरी अब 8 घंटे में
समृद्धि महामार्ग के पूरा होने से मुंबई और नागपुर के बीच का सफर अब केवल 8 घंटे में पूरा होगा। इस 6 लेन वाले राजमार्ग पर कुल 11 सुरंगें हैं, जिनमें 5 डबल सुरंगें शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 21.46 किलोमीटर है। खास बात ये है कि इस चरण में देश की सबसे बड़ी सुरंग बनाई गई है, जिसकी लंबाई 11 किलोमीटर है। इसमें सबसे लंबी और चौड़ी सुरंग इगतपुरी में स्थित है, जो लगभग 8 किलोमीटर लंबी है।
आधुनिक बुनियादी ढांचे का अनूठा नमूना
इस 76 किलोमीटर लंबे चरण में 32 बड़े पुल बनाए गए हैं, जिनमें 84 मीटर ऊंचाई वाले पुल और सबसे ऊंचे खंभों पर बने पुल शामिल हैं। इसके अलावा, 25 इंटरचेंज और 6 किलोमीटर लंबे ओवरपास भी इस राजमार्ग का हिस्सा हैं। ये राजमार्ग राज्य के 5 राजस्व संभागों के 10 जिलों, 26 तालुकाओं और 392 गांवों से होकर गुजरता है, जिससे 10 जिले सीधे और 14 जिले अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ेंगे।
आदिवासी संस्कृति की झलक
समृद्धि महामार्ग की खूबसूरती को और बढ़ाने के लिए इगतपुरी और कसारा में स्थित सुरंगों पर आदिवासी समुदाय की संस्कृति को दर्शाती वारली पेंटिंग्स बनाई गई हैं। इन सुरंगों पर आदिवासी जीवनशैली, कृषि और पर्यटन जैसे विषयों पर आकर्षक कलाकृतियां उकेरी गई हैं, जो इस राजमार्ग को सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध बनाती हैं।
विकास की नई राह
समृद्धि महामार्ग न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि ये महाराष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगा। ये राजमार्ग क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा और व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
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