महाराष्ट्र

9 जून से होने जा रही है ‘छत्रपति शिवाजी महाराज सर्किट’ टूर की शुरुआत, जानें इसके बारे में सबकुछ

छत्रपति शिवाजी महाराज सर्किट
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भारतीय रेलवे की शान, आईआरसीटीसी (भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम), एक बार फिर यात्रियों के लिए कुछ खास लेकर आया है! तो अगर आप इतिहास के पन्नों को जीवंत देखना चाहते हैं और छत्रपति शिवाजी महाराज की गौरवशाली विरासत को करीब से महसूस करना चाहते हैं, तो छत्रपति शिवाजी महाराज सर्किट ट्रेन टूर आपके लिए ही है! ये टूर इतना खास है कि इसकी बुकिंग शुरू होते ही फुल हो चुकी है! जी हां, 710 यात्री इस 6 दिन की ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जिसमें इकोनॉमी (स्लीपर) में 480, कम्फर्ट (3एसी) में 190, और सुपीरियर (2एसी) में 40 यात्रियों ने अपनी सीटें पक्की की हैं।

क्या है इस टूर में खास?
आईआरसीटीसी, महाराष्ट्र सरकार, और भारतीय रेलवे की साझेदारी से शुरू हुआ ये टूर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और मराठा साम्राज्य की शान को समर्पित है। ये यात्रा आपको महाराष्ट्र के उन ऐतिहासिक स्थलों तक ले जाएगी, जो शिवाजी महाराज के साहस, शौर्य और नेतृत्व की कहानियां बयां करते हैं। रायगढ़ किला, शिवनेरी किला, प्रतापगढ़ किला, पन्हाला किला, लाल महल, कस्बा गणपति, और शिवसृष्टि जैसे स्थल इस टूर का हिस्सा हैं। ये सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि इतिहास के साथ एक जीवंत मुलाकात है!

6 दिन, अनगिनत यादें: टूर का पूरा प्लान

पहला दिन: रायगढ़ किले की शाही शुरुआत
यात्रा की शुरुआत 9 जून 2025 को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से होगी। ट्रेन कोंकण रेलवे के खूबसूरत रास्तों से होते हुए मानगांव पहुंचेगी, जो रायगढ़ किला का निकटतम स्टेशन है। ये वही किला है जहां शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ और जो उनकी राजधानी रहा। किले की भव्यता और इतिहास को देखने के बाद, ट्रेन आपको पुणे ले जाएगी, जहां आप होटल में रात का डिनर और आराम करेंगे।

दूसरा दिन: पुणे की सांस्कृतिक झलक
दूसरे दिन पुणे में लाल महल की सैर होगी, जिसे शिवाजी महाराज के पिता शाहजी भोसले ने बनवाया था। यह महल शिवाजी के बचपन की यादों को संजोए हुए है। इसके बाद, कस्बा गणपति मंदिर दर्शन, जो पुणे के गणेश भक्तों का दिल है। दिन का मुख्य आकर्षण होगा शिवसृष्टि, एक ऐतिहासिक थीम पार्क, जहां 3डी प्रेजेंटेशन और इंटरैक्टिव सेशन्स के जरिए शिवाजी महाराज की कहानी जीवंत हो उठेगी। रात का विश्राम पुणे में।

तीसरा दिन: शिवनेरी और भीमाशंकर की आध्यात्मिक यात्रा
तीसरे दिन ट्रेंड आपको शिवनेरी किला ले जाएगा, जो शिवाजी महाराज का जन्मस्थान है। जुन्नार की पहाड़ियों पर बसा यह किला मराठा गौरव का प्रतीक है। दोपहर में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन होंगे, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसके बाद रात के लिए वापसी पुणे में।

चौथा दिन: प्रतापगढ़ का युद्ध स्थल
चौथे दिन ट्रेन सतारा पहुंचेगी, जहां आप प्रतापगढ़ किला देखेंगे। यह वही जगह है जहां 1659 में शिवाजी महाराज ने अफजल खान को हराकर मराठा साम्राज्य की नींव रखी। दोपहर के भोजन के बाद, ट्रेन कोल्हापुर के लिए रवाना होगी।

पांचवां दिन: कोल्हापुर की विरासत
कोल्हापुर में सुबह छत्रपति शाहू महाराज टर्मिनस पर पहुंचने के बाद, आप महालक्ष्मी मंदिर (अंबाबाई) के दर्शन करेंगे। इसके बाद पन्हाला किला, जिसे ‘सांपों का किला’ भी कहते हैं, आपका इंतजार करेगा। यह किला शिवाजी महाराज और उनके सेनापति बाजी प्रभु देशपांडे की वीरता की गवाही देता है। रात का ठहराव कोल्हापुर में।

छठा दिन: विदाई
छठे दिन, ये यादगार यात्रा समाप्त होगी, लेकिन आपके दिल में शिवाजी महाराज की गौरवशाली कहानियां और महाराष्ट्र की समृद्ध विरासत हमेशा जिंदा रहेगी।

क्यों चुनें ये टूर?
सर्वसमावेशी पैकेज: ट्रेन यात्रा, होटल ठहराव, शाकाहारी भोजन, बस ट्रांसफर, गाइड, और यात्रा बीमा शामिल।
सुरक्षित और आरामदायक: आईआरसीटीसी की विश्वसनीय व्यवस्था और अनुभवी टूर एस्कॉर्ट्स।
इतिहास और संस्कृति का संगम: शिवाजी महाराज के जीवन को करीब से जानने का अनुभव।

बुकिंग की स्थिति
ये टूर इतना लोकप्रिय है कि इसकी सभी सीटें बुक हो चुकी हैं! लेकिन चिंता न करें, आईआरसीटीसी भविष्य में ऐसे और टूर लाने की योजना बना रहा है। अपडेट्स के लिए उनकी वेबसाइट पर नजर रखें।

छत्र पति शिवाजी महाराज सर्किट ट्रेन टूर सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि मराठा गौरव और भारतीय इतिहास के सुनहरे पन्नों को जीने का मौका है। तैयार हैं, इस ऐतिहासिक सैर पर निकलने के लिए?

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