डॉक्टरों के खिलाफ मरीजों द्वारा लगाए जाने वाले झूठे आरोप, और मेडिकल प्रक्रियाओं में होने वाली चूक से उपजे कानूनी विवाद – इन सबसे निपटने में अक्सर डॉक्टरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
लेकिन, अब महाराष्ट्र में डॉक्टरों को ऐसी परिस्थितियों से निपटने में मदद मिलेगी। मेडिकल मामलों पर नजर रखने वाली संस्था महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (MMC), नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के साथ मिलकर इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
भारत में अक्सर डॉक्टर और मरीजों के बीच भरोसे की कमी देखी जाती है। कई बार इलाज के सही तरीके से ना होने पर मरीज और उनके परिवारवाले डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगा देते हैं। इससे डॉक्टरों के लिए कानूनी मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (MMC) राज्य के डॉक्टरों के कामकाज पर नज़र रखती है, और उनके बीच किसी भी तरह के विवाद को सुलझाने की कोशिश करती है।
MMC, NMC के साथ मिलकर, डॉक्टरों को ऐसे मामलों में कानूनी जानकारी उपलब्ध करवाना चाहती है। इसी उद्देश्य से दोनों संस्थाएं मिलकर इस शनिवार एक बड़ी वर्कशॉप का आयोजन कर रही हैं।
इस वर्कशॉप में कानून के जानकार डॉक्टरों को मेडिकल लॉ से जुड़ी जानकारियां देंगे। सिर्फ लेक्चर ही नहीं, इस वर्कशॉप में असल ज़िंदगी से जुड़े केसों के उदाहरणों के आधार पर डॉक्टरों को समझाया भी जाएगा कि कैसे वो ऐसी परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। डॉक्टरों को कानूनी तौर पर मजबूत बनाने के इस कदम से निश्चित तौर पर डॉक्टरों का मनोबल बढ़ेगा, और वो बिना किसी डर के मरीजों का इलाज कर सकेंगे।
MMC के सामने फिलहाल करीब 692 पुराने मामले ऐसे हैं, जो कानूनी प्रक्रिया में उलझे हैं। इन्हें जल्द निपटाने के लिए, MMC अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों की राय लेगी।
साथ ही, ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए हर हफ्ते बैठक आयोजित करेगी, ताकि फैसले जल्दी हो सकें। इस पहल से ना सिर्फ पुराने केस निपटेंगे, बल्कि डॉक्टर और मरीजों के बीच भरोसे का माहौल भी बनेगा।
महाराष्ट्र में करीब 1.8 लाख डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं। हर साल लगभग 9 हजार नए डॉक्टर इस प्रोफेशन से जुड़ते हैं।
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