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Mumbai Airport Worker Death: मुंबई हवाई अड्डे पर दुखद हादसा; 100 फीट ऊंचाई से गिरकर मजदूर की मौत, ठेकेदार और अधिकारियों पर लापरवाही का केस

Mumbai Airport Worker Death: मुंबई हवाई अड्डे पर दुखद हादसा; 100 फीट ऊंचाई से गिरकर मजदूर की मौत, ठेकेदार और अधिकारियों पर लापरवाही का केस

Mumbai Airport Worker Death: मुंबई, जो अपने व्यस्त हवाई अड्डे और चमक-दमक के लिए जाना जाता है, एक बार फिर एक दुखद घटना की वजह से सुर्खियों में है। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport) के एक हैंगर में काम करने वाले 27 वर्षीय मजदूर विशाल हरि मध्देशिया की 1 अप्रैल 2025 को छत से गिरकर मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि कार्यस्थल पर सुरक्षा की गंभीर खामियों (workplace safety lapses) को भी उजागर किया। मुंबई एयरपोर्ट पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ लापरवाही से मौत का कारण बनने का केस दर्ज किया है, जिसमें ठेकेदार कंपनी के मालिक और एयर इंडिया के अधिकारी शामिल हैं।

यह हादसा सांताक्रूज पूर्व के पुराने हवाई अड्डे क्षेत्र में हैंगर-3 में शाम 5:15 बजे के आसपास हुआ। विशाल, जो उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले थे, VB इंजीनियरिंग सिस्टम्स नामक कंपनी के लिए फैब्रिकेटर के तौर पर काम करते थे। इस कंपनी को हैंगर-3 की छत की मरम्मत और शीट बदलने का ठेका मिला था। विशाल उस दिन करीब 100 फीट की ऊंचाई पर छत की मरम्मत कर रहे थे, जब उनके नीचे की सीमेंट शीट अचानक टूट गई। सहकर्मियों ने उन्हें तुरंत कूपर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विशाल के भाई गिरीजेशकुमार ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके भाई को न तो कोई सुरक्षा उपकरण दिए गए थे, न ही कोई प्रशिक्षण।

पुलिस की जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आईं। कार्यस्थल पर सुरक्षा की कोई व्यवस्था (workplace safety lapses) नहीं थी। न तो मजदूरों को सेफ्टी हार्नेस दिए गए, न ही सेफ्टी नेट लगाया गया था। यहां तक कि कोई सेफ्टी अधिकारी भी मौके पर मौजूद नहीं था। मजदूरों को खुद ही रस्सियां बांधकर छत पर चढ़ना पड़ता था। गिरीजेशकुमार ने बताया कि विशाल और उनके सहकर्मी बिना किसी सुरक्षित रस्सी या बैकअप के छत पर काम कर रहे थे। हादसे के दिन, जब दस में से नौ पैनल ठीक हो चुके थे, विशाल आखिरी पैनल के बाद नीचे उतर रहे थे। तभी शीट टूट गई, और वह नीचे गिर गए।

एक अन्य मजदूर, अतुल चौरसिया, ने बताया कि उन्होंने खुद अपनी जान जोखिम में डालकर एक अस्थायी रस्सी बांधी थी, ताकि सहकर्मी छत पर काम कर सकें। लेकिन दिन का काम खत्म होने के बाद नीचे उतरने के लिए कोई अतिरिक्त रस्सी या सुरक्षित तरीका नहीं था। यह लापरवाही न केवल VB इंजीनियरिंग सिस्टम्स की थी, बल्कि एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) के अधिकारियों की भी थी, जो इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में VB इंजीनियरिंग के मालिक सनत कुमार, मैनेजर वासुदेव पलन, AIESL के सेफ्टी ऑफिसर प्रतीक पेनुरकर, और एक अन्य अनाम मैनेजर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 106 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया।

यह हादसा उस समय हुआ, जब मुंबई का हवाई अड्डा अपनी विश्वस्तरीय सुविधाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन इस घटना ने यह सवाल उठाया कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में मजदूरों की सुरक्षा की इतनी अनदेखी कैसे हो सकती है। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport) पर हर दिन हजारों उड़ानें संचालित होती हैं, और इसके रखरखाव में सैकड़ों मजदूर काम करते हैं। लेकिन विशाल जैसे मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा के खतरनाक काम करने के लिए छोड़ दिया जाता है।

पुलिस ने शुरू में इस मामले को आकस्मिक मौत के रूप में दर्ज किया था। लेकिन जब जांच में लापरवाही के स्पष्ट सबूत मिले, जैसे कि सुरक्षा उपकरणों की कमी और निगरानी का अभाव, तो इसे आपराधिक लापरवाही का मामला मानकर FIR दर्ज की गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मजदूरों को न तो ऊंचाई पर काम करने का प्रशिक्षण दिया गया था, न ही उन्हें सेफ्टी बेल्ट या हेलमेट जैसे बुनियादी उपकरण मुहैया कराए गए। यह स्थिति न केवल विशाल के लिए, बल्कि अन्य मजदूरों के लिए भी जानलेवा थी।

विशाल का परिवार इस हादसे से पूरी तरह टूट चुका है। गिरीजेशकुमार ने बताया कि विशाल उनके परिवार का इकलौता कमाने वाला था। वह मुंबई में कड़ी मेहनत कर अपने माता-पिता और छोटे भाई-बहनों का पालन-पोषण करता था। हर महीने वह अपने गांव कुछ पैसे भेजता था, ताकि परिवार का गुजारा हो सके। लेकिन अब उसकी मौत ने पूरे परिवार को अंधेरे में धकेल दिया। गिरीजेशकुमार ने कहा कि अगर कंपनी ने थोड़ी भी सावधानी बरती होती, तो उनका भाई आज जिंदा होता।

यह पहला मौका नहीं है जब मुंबई में कार्यस्थल पर सुरक्षा की कमी (workplace safety lapses) के कारण मजदूरों की जान गई हो। 2024 में बोरीवली में एक निर्माण स्थल पर 24 वर्षीय मजदूर की 20 फीट की ऊंचाई से गिरकर मौत हो गई थी। उस मामले में भी ठेकेदार ने मजदूरों को सेफ्टी गियर नहीं दिए थे। ऐसे हादसे बार-बार होने के बावजूद, कई कंपनियां और ठेकेदार सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऊंचाई पर काम करने वाले मजदूरों के लिए सेफ्टी हार्नेस, नेट, और प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए।

मुंबई जैसे शहर में, जहां हर दिन लाखों लोग हवाई यात्रा करते हैं, हवाई अड्डे का रखरखाव बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन इस रखरखाव में लगे मजदूरों की जान की कीमत इतनी सस्ती नहीं होनी चाहिए। विशाल की मौत ने न केवल एक परिवार को दुख दिया, बल्कि यह सवाल भी उठाया कि क्या ठेकेदार और कंपनियां केवल मुनाफे के लिए मजदूरों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं। पुलिस की जांच अभी जारी है, और इस मामले में शामिल लोगों को जवाब देना होगा।

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