महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर, जो कि राज्य के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है, राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग देखने को मिली। इस दिन भाजपा और शिवसेना (UBT) ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए। उद्धव ठाकरे ने हुतात्मा चौक पर संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले 105 लोगों को श्रद्धांजलि दी और घोषणा की कि महाराष्ट्र को किसी का गुलाम नहीं बनने दिया जाएगा।
उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि भाजपा की पूर्ववर्ती जनसंघ ने 1950 के दशक में महाराष्ट्र राज्य के निर्माण के संघर्ष में हिस्सा नहीं लिया था और आरोप लगाया कि गुजरात के कुछ कारोबारी आज भी महाराष्ट्र के साथ भेदभाव वाली मानसिकता के तहत काम कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र की ताकत और इसके औद्योगिक विकास की प्रशंसा की और लोगों से लोकतंत्र के इस उत्सव में मतदान करके भाग लेने की अपील की।
महाराष्ट्र दिवस के इस अवसर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित सभी राजनीतिक दलों के लोगों ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। इस दिन को महाराष्ट्र के गौरव और साहस के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, और इसे राज्य के निर्माण के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की याद में मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों, भाषणों, और परेडों का आयोजन किया जाता है, और यह महाराष्ट्र में सार्वजनिक अवकाश का दिन भी होता है।
इस वर्ष महाराष्ट्र दिवस का 65वां स्थापना दिवस राज्यभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, स्थानीय जन प्रतिनिधि, मुख्य सचिव नितिन करीर, पुलिस महानिदेशक रश्मी शुक्ला, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, विभिन्न देशों के उच्चायुक्त, महावाणिज्य दूतावास के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस दिन को लोकसभा चुनाव के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां राजनीतिक दल अपने अभियानों को तेज करते हैं और मतदाताओं से संपर्क करते हैं।