Western Railway Suspends QR Code Tickets: मुंबई की पश्चिम रेलवे ने लोकल ट्रेनों की टिकटिंग के लिए क्यूआर कोड सेवा को बंद कर दिया है। इस सुविधा का गलत इस्तेमाल करने वाले यात्रियों की वजह से रेलवे को यह कदम उठाना पड़ा। अब डायनैमिक क्यूआर कोड लाने की तैयारी हो रही है, ताकि टिकट चोरी और दुरुपयोग को रोका जा सके। आइए जानते हैं इस फैसले की पूरी कहानी और यात्रियों पर इसका क्या असर होगा।
पश्चिम रेलवे ने 27 अगस्त 2025 को लोकल ट्रेनों में मोबाइल टिकटिंग के लिए क्यूआर कोड सेवा को बंद करने का ऐलान किया। यह सेवा 2016 में यूटीएस (अनरिजर्व्ड टिकटिंग सिस्टम) मोबाइल ऐप के साथ शुरू की गई थी, ताकि यात्री बिना लाइन में लगे आसानी से टिकट ले सकें। इस ऐप के जरिए यात्री स्टेशन पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर पेपरलेस टिकट खरीद सकते थे। हर दिन लाखों यात्री इस सुविधा का इस्तेमाल करते थे, खासकर मुंबई जैसे व्यस्त शहर में, जहां समय की बचत बहुत जरूरी है।
लेकिन समय के साथ इस सुविधा का गलत इस्तेमाल बढ़ने लगा। टिकट निरीक्षकों ने शिकायत की कि कई यात्री बिना टिकट यात्रा करते थे। जब ट्रेन में टीसी (टिकट चेकर) चेकिंग के लिए आता, तो ये यात्री तुरंत इंटरनेट पर उपलब्ध क्यूआर कोड स्कैन कर टिकट निकाल लेते। इस तरह वे जुर्माने से बच जाते थे। पश्चिम रेलवे के 30 स्टेशनों पर 100 से ज्यादा क्यूआर कोड लगाए गए थे, लेकिन अब इन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है। मध्य रेलवे ने भी इस सेवा को बंद करने के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है।
इस समस्या की जड़ स्थिर (स्टैटिक) क्यूआर कोड थे। ये कोड एक बार बनने के बाद नहीं बदलते थे, जिसके कारण इन्हें आसानी से कॉपी कर इंटरनेट पर शेयर किया जा रहा था। कोई भी व्यक्ति इन कोड को स्कैन कर कहीं से भी टिकट निकाल सकता था। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इससे न सिर्फ टिकट चेकिंग में दिक्कत हो रही थी, बल्कि रेलवे को राजस्व का नुकसान भी हो रहा था। 2024 में पश्चिम रेलवे ने टिकट चोरी के 12,000 से ज्यादा मामले पकड़े, जिनमें से 40 फीसदी मामले क्यूआर कोड के दुरुपयोग से जुड़े थे।
अब रेलवे डायनैमिक क्यूआर कोड लाने की योजना बना रहा है। ये कोड हर कुछ मिनटों में बदलते रहेंगे और सिर्फ स्टेशन पर मौजूद डिजिटल स्क्रीन पर ही उपलब्ध होंगे। इससे कोई भी यात्री इंटरनेट से पुराने कोड का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अभय सिंह ने बताया कि डायनैमिक क्यूआर कोड को डिजिटल स्क्रीन के जरिए लागू करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस सिस्टम से टिकट चोरी की घटनाएं 70 फीसदी तक कम होने की उम्मीद है।
यात्रियों को इस बदलाव से कुछ परेशानी हो सकती है। पहले जहां वे घर बैठे या ट्रेन में टिकट ले सकते थे, अब उन्हें स्टेशन पर डिजिटल स्क्रीन तक जाना होगा। मुंबई जैसे शहर में, जहां हर दिन 35 लाख यात्री पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनों से सफर करते हैं, यह बदलाव भीड़भाड़ बढ़ा सकता है। रेलवे ने कहा कि वह जल्द से जल्द नया सिस्टम लागू करने की कोशिश कर रहा है। फिलहाल, यात्री यूटीएस ऐप से प्री-बुकिंग या टिकट काउंटर से टिकट ले सकते हैं।
इस फैसले से टिकट चोरी पर लगाम लगने की उम्मीद है। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और बिना टिकट यात्रा न करें। डायनैमिक क्यूआर कोड सिस्टम लागू होने के बाद टिकटिंग प्रक्रिया और सुरक्षित हो जाएगी।
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