BMC Dispute: मुंबई में एक सार्वजनिक अधिकारी के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। बांद्रा की सामाजिक कार्यकर्ता आफताब सिद्दीकी ने बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी और उप आयुक्त विश्वास मोटे को लिखित शिकायत दी है। इस शिकायत में उन्होंने एच वेस्ट वार्ड (बांद्रा वेस्ट) के सहायक अभियंता (Assistant Engineer) सचिन हनमधर के साथ हो रहे अन्यायपूर्ण व्यवहार का मुद्दा उठाया है।
क्या है पूरा मामला?
सिद्दीकी ने आरोप लगाया है कि सहायक नगर आयुक्त विनायक विसपुते ने बीएमसी आयुक्त के स्थानांतरण पर रोक आदेश को अनदेखा करते हुए, हनमधर का तबादला कर दिया। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब हनमधर के कार्यालय का दरवाज़ा लॉक कर दिया गया, ताकि वे अपनी ड्यूटी न कर सकें।
हनमधर को उनकी मेहनत और एच वेस्ट वार्ड में किए गए अच्छे काम के लिए जाना जाता है। बीएमसी आयुक्त ने साफ तौर पर आदेश दिया था कि बांद्रा में चल रही सौंदर्यीकरण परियोजना (beautification project) के पूरा होने तक हनमधर को एच वेस्ट वार्ड में ही रखा जाए। लेकिन विसपुते ने इस आदेश को दरकिनार कर अपने नियम लागू कर दिए।
कार्यकर्ता की शिकायत और आरोप
आफताब सिद्दीकी ने अपनी शिकायत में पूछा है कि क्या विसपुते के पास बीएमसी आयुक्त के आदेश को चुनौती देने का अधिकार है? उन्होंने खुद देखा कि हनमधर के साथ किस तरह का अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने बीएमसी प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा, “एक सक्षम और जनता के लिए समर्पित अधिकारी का अपमान करना शर्म की बात है। बीएमसी आयुक्त को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
हनमधर का स्थानांतरण और विवाद
सूत्रों के अनुसार, हनमधर को नवंबर 2023 में सड़कों के विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। लेकिन बीएमसी आयुक्त से मुलाकात के बाद उनका स्थानांतरण रोक दिया गया। हनमधर चुनावी ड्यूटी पर भी तैनात रहे लेकिन इसके बावजूद वे वार्ड में चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कार्यरत थे।
यह विवाद एच वेस्ट वार्ड के अधिकारियों के आपसी मतभेद का परिणाम है। एक प्रभावी और कर्मठ अधिकारी को हटाने की कोशिशें इसलिए हो रही हैं क्योंकि उनके काम ने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को असुविधा में डाल दिया है।
राजनीतिक दखल और प्रशासनिक कमजोरी
सिद्दीकी का दावा है कि विसपुते ने अपने राजनीतिक संबंधों का उपयोग कर, न केवल बीएमसी आयुक्त के आदेशों को अनदेखा किया, बल्कि पिछले पांच वर्षों से एच वेस्ट वार्ड का नेतृत्व अपने नियंत्रण में रखा है।
समाधान की उम्मीद
बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। उप आयुक्त विश्वास मोटे ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है, लेकिन इस पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
यह घटना मुंबई के प्रशासन में गहराई तक फैली समस्याओं और राजनीति-प्रेरित हस्तक्षेप की ओर इशारा करती है। स्थानीय निवासियों और कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि बीएमसी इस मुद्दे पर कड़ा कदम उठाएगी और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकेगी।
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