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मुंबई की जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी: निविदा में फंसी योजना, नागरिकों को इंतजार बढ़ा!

मुंबई की जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी

मुंबई की जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी: मुंबई महानगरपालिका (मनपा) द्वारा प्रस्तावित जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी के लागू होने में अभी और विलंब होने की संभावना है। इस नीति का उद्देश्य मुंबई के नागरिकों को मनपा के अस्पतालों में मुफ्त दवाइयां और उपचार प्रदान करना है। इस पॉलिसी के तहत, मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उनके उपचार पर आने वाले खर्च में कमी आएगी।

हालांकि, इस पॉलिसी को लागू करने की प्रक्रिया निविदा प्रक्रिया में फंस गई है, जिसके कारण इसकी डेडलाइन दो बार निकल चुकी है। इसका मतलब है कि मुंबई के नागरिकों को इस पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए और अधिक समय तक इंतजार करना पड़ सकता है।

इस पॉलिसी के लागू होने से मुंबई महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाले सभी अस्पतालों और दवाखानों में रोगियों को बिना किसी अतिरिक्त खर्च के उपचार मिल सकेगा। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने 1500 करोड़ रुपये की तरतूद भी की है।

जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आरोग्य सेवाओं की बेहतर पहुंच प्रदान करना और उपचार की लागत को कम करना है। इस पॉलिसी के तहत, मुंबईकरों को घर के नजदीकी अस्पतालों में मुफ्त, कैशलेस और पेपरलेस उपचार मिलेगा।

इस पॉलिसी के लागू होने से मुंबई महानगरपालिका के अस्पतालों में आने वाले रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी, और यह मुंबई में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति एक नई दिशा की ओर इशारा करता है। फिर भी, निविदा प्रक्रिया में आई देरी के कारण इस पॉलिसी के लागू होने की सटीक तारीख अभी अनिश्चित है।

मुंबई महानगरपालिका और महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस पॉलिसी के लागू होने की नई तारीखों की घोषणा की जानी बाकी है। नागरिकों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को इस पॉलिसी के लागू होने का बेसब्री से इंतजार है।

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