ये है क्रिकेट जगत का काला सच! रत्नागिरी के 6 युवा क्रिकेटरों को बड़ा खिलाड़ी बनाने का सपना दिखाकर करीब 63 लाख रुपये ठग लिए। दरअसल इन लड़कों को रणजी ट्रॉफी में गेस्ट प्लेयर के रूप में शामिल करने का झांसा दिया गया था। मोटी रकम लेकर भी ना तो उन्हें किसी टीम में शामिल कराया गया और ना ही कोई मैच खेलने दिया गया।
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों – प्रशांत कांबले और देवेश उपाध्याय के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। अभी इन दोनों से पूछताछ होनी बाकी है। ये भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं इन्होंने इसके अलावा और तो नहीं किए ऐसे गड़बड़झाले!
खबरों के मुताबिक, संतोष चव्हाण नाम का शख्स क्रिकेटरों को इन आरोपियों से मिलाता था। चव्हाण इवेंट मैनेजमेंट का काम करता है, उसी के चलते उसकी इन दोनों से पहचान हुई। उपाध्याय ने खुद को तो बॉलीवुड स्टार सोनू सूद का असिस्टेंट बताकर भरोसा जीता। उसने बीसीसीआई के बड़े लोगों से अपनी पहुंच होने का झांसा दिया और फिर रणजी ट्रॉफी खेलने का लालच देकर इन युवाओं से पैसे ऐंठ लिए।
इन गरीब बच्चों को भी यही लगा होगा कि बड़ी टीम में खेलने का मौका मिल रहा है, तो उन्होंने और उनके परिवारों ने जमकर पसीना बहाया होगा 63 लाख जुटाने के लिए। लेकिन इन बेईमानों ने उनके सपनों को ही ठग लिया। अब देखना ये है कि पुलिस इस मामले की कितनी जल्दी तह तक जाती है और इन ठगों को कब सजा मिलती है।
ये भी पढ़ें: एक ही मैच में चार शतक! महिला क्रिकेट में ऐतिहासिक दिन, जानें कैसे हुआ ये कमाल