Rahul Gandhi Alleges Match-Fixing in Maharashtra Polls: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi, राहुल गांधी) ने नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों (Maharashtra Assembly Elections, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव) को ‘मैच फिक्सिंग’ करार देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनके इस बयान ने न केवल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निशाने पर लिया, बल्कि पूरे राज्य में राजनीतिक बहस को गरमा दिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य बीजेपी नेताओं ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए इसे मतदाताओं का अपमान बताया है। आइए, इस विवाद की पूरी कहानी को आसान भाषा में समझते हैं।
राहुल गांधी ने एक लेख में दावा किया कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए एक खतरनाक मिसाल बताया। उनके अनुसार, इस ‘मैच फिक्सिंग’ में पांच चरण शामिल थे। सबसे पहले, चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाली समिति को प्रभावित किया गया। फिर, मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं (Fake Voters, फर्जी मतदाता) को जोड़ा गया। इसके बाद, मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। चौथे चरण में, उन क्षेत्रों में फर्जी वोटिंग को बढ़ावा दिया गया, जहां बीजेपी को जीत की ज़रूरत थी। और आखिरी चरण में, इन सबूतों को छिपाने की कोशिश की गई। राहुल का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए रची गई।
महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 288 में से 235 सीटें जीतीं। बीजेपी अकेले 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। दूसरी ओर, कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की एनसीपी (SP) वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) को केवल 50 सीटें मिलीं। राहुल गांधी (Rahul Gandhi, राहुल गांधी) का दावा है कि यह नतीजा स्वाभाविक नहीं था। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में अचानक 41 लाख नए मतदाताओं का जुड़ना और मतदान के आखिरी घंटों में 7.83 प्रतिशत की असामान्य बढ़ोतरी संदेह पैदा करती है।
राहुल ने एक उदाहरण के तौर पर कमठी सीट का ज़िक्र किया। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने यहां 1.36 लाख वोट हासिल किए थे, जबकि बीजेपी को 1.19 लाख वोट मिले थे। लेकिन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के वोट लगभग वही रहे, जबकि बीजेपी के वोट 1.75 लाख तक पहुंच गए। यह बढ़ोतरी 35,000 नए मतदाताओं से आई, जो राहुल के अनुसार, बीजेपी के पक्ष में ‘चमत्कारिक’ रूप से वोट करने आए। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इतने कम समय में इतने मतदाता कैसे जुड़ गए और उनका रुझान सिर्फ बीजेपी की ओर क्यों था।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल के आरोपों को ‘बकवास’ और ‘झूठ’ करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi, राहुल गांधी) ने महाराष्ट्र के मतदाताओं और ‘लाड़की बहिन’ योजना का अपमान किया है। फडणवीस ने यह भी दावा किया कि राहुल ने बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी हार पहले ही मान ली है। उन्होंने कहा कि जब तक राहुल झूठे दावों के भरोसे रहेंगे, उनकी पार्टी कभी जीत नहीं सकती। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी राहुल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब तक राहुल हार के अंधेरे से बाहर नहीं निकलेंगे, कांग्रेस का विकास असंभव है।
चुनाव आयोग (Election Commission, चुनाव आयोग) ने भी राहुल के आरोपों को खारिज किया है। आयोग ने कहा कि ये दावे ‘निराधार’ हैं और मतदाता सूची में कोई अनियमितता नहीं हुई। आयोग के अनुसार, महाराष्ट्र में 6.4 करोड़ मतदाताओं ने सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोट डाला। आखिरी दो घंटों में 1.16 करोड़ वोट पड़ने की संभावना थी, लेकिन वास्तव में केवल 65 लाख वोट ही पड़े, जो सामान्य है। आयोग ने यह भी बताया कि मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया पारदर्शी थी और कांग्रेस सहित सभी दलों को इसकी जानकारी दी गई थी।
कांग्रेस ने इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाने का फैसला किया है। पार्टी ने 12 जून को पूरे महाराष्ट्र में मशाल जुलूस निकालने की घोषणा की है, ताकि लोगों का ध्यान 2024 के चुनावों में कथित ‘वोट चोरी’ की ओर जाए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की ‘हत्या’ की गई। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi, राहुल गांधी) ने अकाट्य तथ्यों के साथ इस सच्चाई को उजागर किया है।
राहुल ने चुनाव आयोग (Election Commission, चुनाव आयोग) से मांग की है कि वह सभी राज्यों की लोकसभा और विधानसभा चुनावों की डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करे। साथ ही, महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों का 5 बजे के बाद का सीसीटीवी फुटेज जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर आयोग के पास छिपाने को कुछ नहीं है, तो उसे इन सवालों का जवाब देना चाहिए। लेकिन आयोग ने इन मांगों को ‘गैर-ज़रूरी’ बताते हुए खारिज कर दिया।
यह विवाद केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है। राहुल ने चेतावनी दी है कि महाराष्ट्र में हुई यह ‘मैच फिक्सिंग’ अब बिहार और अन्य राज्यों में भी हो सकती है, जहां बीजेपी को हार का डर है। बीजेपी ने इन आरोपों को ‘षड्यंत्रकारी’ करार दिया है। पार्टी के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल हार के बाद बेबुनियाद कहानियां गढ़ रहे हैं। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे ‘जॉर्ज सोरोस के प्लेबुक’ का हिस्सा बताया, जिसमें संस्थानों पर सवाल उठाकर लोगों का भरोसा तोड़ा जाता है।
महाराष्ट्र के इस चुनावी विवाद ने एक बार फिर लोकतंत्र और संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। यह मुद्दा न केवल राजनीतिक दलों, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी चर्चा का विषय बन गया है।
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