Kolkata Gang Rape: कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक 24 वर्षीय प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार (Gang Rape) की घटना ने पूरे पश्चिम बंगाल को हिलाकर रख दिया है। यह जघन्य अपराध 25 जून 2025 को कॉलेज परिसर के गार्ड रूम में हुआ, जहां दो वरिष्ठ छात्रों और एक पूर्व छात्र ने इस वारदात को अंजाम दिया। इस मामले ने न केवल सामाजिक आक्रोश को जन्म दिया है, बल्कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था (Law and Order) पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।
पुलिस ने इस घटना के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों, मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, 28 जून को कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी गिरफ्तार किया गया, जो घटना के समय मौजूद था, लेकिन उसने पीड़िता की मदद नहीं की। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे कॉलेज में छात्र संघ का पद देने का लालच देकर गार्ड रूम में ले जाया गया, जहां उसके साथ बलात्कार किया गया। उसने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने घटना का वीडियो बनाया और उसे सार्वजनिक करने की धमकी दी। मेडिकल जांच में पीड़िता के शरीर पर जबरन प्रवेश, काटने के निशान और खरोंच के निशान पाए गए, जो उसकी शिकायत की पुष्टि करते हैं।
इस घटना ने कोलकाता में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने कहा कि यह घटना दिखाती है कि राज्य में महिला छात्राएं शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर कानून व्यवस्था (Law and Order) को पूरी तरह से चरमराने का आरोप लगाया। बीजेपी ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यों की एक तथ्य-जांच समिति गठित की है, जो जल्द ही कोलकाता पहुंचकर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को सौंपेगी। दूसरी ओर, कांग्रेस ने खिदरपुर और हाटीबागान में रैलियां निकालकर सरकार से तत्काल कार्रवाई और न्याय की मांग की।
इस मामले ने राजनीतिक विवाद को और गहरा कर दिया है, क्योंकि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा का संबंध तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की छात्र शाखा से बताया जा रहा है। बीजेपी ने मिश्रा की तृणमूल नेताओं के साथ तस्वीरें साझा करते हुए सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी पीड़िता के साथ खड़ी है और दोषियों को कड़ी सजा की मांग करती है। टीएमसी की वरिष्ठ नेता शशि पंजा ने इस मामले को राजनीतिक रंग न देने की अपील की और कहा कि पुलिस ने 12 घंटे के भीतर कार्रवाई की है।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है। वकील सत्यम सिंह ने कोर्ट से सीबीआई जांच की मांग की है, ताकि इस मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच हो सके। याचिका में पीड़िता को सुरक्षा और मुआवजा देने की भी मांग की गई है। इसके साथ ही, तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा के पीड़िता के बारे में दिए गए विवादास्पद बयानों का भी जिक्र किया गया है, जिन्हें बीजेपी ने असंवेदनशील करार दिया।
कोलकाता में यह घटना पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए बलात्कार और हत्या की घटना की याद दिलाती है। इसने एक बार फिर शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है, जो इस अपराध के पीछे की साजिश और अन्य संभावित पहलुओं की जांच कर रहा है।
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